शीघ्रता, सटीकता और देरी समय की मापनी में इनका महत्व है, शुभ कर्म में शीघ्रता जरूरी है, ऐसे पलों को खोना नहीं जितना जल्दी हो सके समय से पहले ही करें। जहाँ प्रतिद्वन्द हो वहां सटिकता आवश्यक है जैसे शतरंज ही की चाल है, यह competition है। यहां समय की सटिकता आवश्यक है ऐसे कई विकट मोड़ आ जाते हैं जीवन में चाहे वह कार्यक्षेत्र हो या कोई और समय की जागरूकता जरूरी है। कभी कभी मानव दुर्घटनाओं में घिर जाता है अपनी तेजी का उसे विचार नहीं रहता सामने घटित होने वाला दृश्य उसे दिखाई नहीं देता उससे पहले घटना घट जाती है। मानव की गति ऐसे वक्त में यानी संघर्ष के दौर में शिथिल रखनी होती है जैसे गति सीमा को जांचना और चलना उसके अनुसार या उससे भी कम ये समझ आगे काम आती है....~पवन राज सिंह
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