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शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2022

कलाम 10

 जलने लगी शमआ जब दिल के #चराग़ में

आ गए परवाने खुद-ब-खुद आस पास में


उम्रें गुज़र गईं मगर बिछड़े न मिल सके 

दीवाने भटक रहे हैं #यार की #तलाश में


दीवानों के #दीवान को समझ लेंगे दीवाने

#आलिम ये कहेगा क्या है उसके #कलाम में


हैरान है #ज़माना क्यों परेशान है ये सुलतान

क्या रँग दिख गया है #ख़ुसरो को #निज़ाम में


नहीं कोई कमाल मेरे अंदाज़-ए-सुख़न में 

लिखता हूँ अंदाज़-ए-फ़कीराना #कलाम में


#राज़ तुम पर ये #अयाँ हो जाये तो हो गज़ब

#साक़ी ने क्या हमको पिलाया है #शराब में

~पवन राज सिंह

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