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शनिवार, 9 जनवरी 2021

परमेश्वर की रचना का निरादर न करें

 संसार की रचना करने वाले ने कुछ गलत तो नहीं रच दिया, कहीं कोई त्रुटि तो उससे नहीं हो गई। यह अक्सर सोचना पड़ता है मुझे, मैं यह क्यों सोचता हूँ क्या मेरा यह विचार गलत है। आप को यह लगेगा की यह क्या विचार आया। हाँ, यह विचार आया किन्तु इसके पीछे कारण है; जब भी कोई व्यक्ति यह सोचता है की मेरे साथ संसार में गलत हो रहा है, मैं सबसे दुखी, दुर्भाग्यवान या अभागा हूँ मेरा जीवन ही गलत है तो यह विचार उस रचनाकार की कृति को दोष देता है। क्योंकि जिसने तुम्हें रचा है वह सार्थक रचियता है उसका फेंका हर बीज अद्भुत है सकारात्मक है। क्यों कोई अपने आपको हीन और तुच्छ समझे,ऐसा विचार परमेश्वर को दोष देने के पाप जैसा है।

~पवन राज सिंह

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