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रविवार, 17 जनवरी 2021
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कलाम 19
दर्द-ए-इश्क़ दिल को दुखाता है बहुत विसाल-ए-यार अब याद आता है बहुत ज़ब्त से काम ले अ' रिंद-ए-खराब अब मयखाने में दौर-ए-ज़ाम आता है बहुत साक़ी...
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कोन है जो इश्क़ में सब निसार करे राहे-इश्क़ में जो खुद को कुरबान करे आशिक़ कहेंगे उसको इस जहाँ में लोग कूचा-ए-यार में जो ख़ुदको बदनाम करे भटक न...
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कैफ टोंकी और यावर टोंकी बहुत अच्छे मकबूल शायर हुए हैं टोंक शहर राजस्थान के। टोंक इक जमाने से नवाबों और शायरों का शहर रहा है। अभी भी आलिम...
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परवाना शमआ का हूँ इश्क़ में दीवाना आता हूँ बिन बुलाये आशिक़ हूँ पुराना होती नहीं महफ़िल में चरागों से रौशनी आता हूँ जमीं पर मैं बनकर के सितारा...
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