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बुधवार, 13 जनवरी 2021

पारस से खुद को रगड़ना होगा

 एक आम आदमी सिद्ध योगी सी बातें कैसे कर सकता है।  यह विचारों की खुराक रोज वह पहले खाया करता था फिर वर्षों उसने इन सभी विचारों को घोल कर पिया किसी सिद्ध गुरु की शरण में अब उसके अंदर से भी वही जवाब देता है। यह ऐसा है जैसे कुछ लोहे के टुकड़े लो उनमें से किसी भी एक को कुछ महीनों चुम्बक के आलिंगन में या सम्पर्क में रहने दो,फिर उन्हें जब पृथक करोगे तो चुम्बक के गुण कुछ कम मात्रा में सदा के लिए उस लोहे के टुकड़े में आ जाएंगे। जो इसमें इससे पूर्व न थे। बस एक बार किसी पारस पत्थर से खुद को रगड़ना होगा भौतिकता धूल जाएगी आपके दिल दिमाग से दूसरी बार सम्पर्क में आओगे तो आनन्द ही आनन्द... फैसला तुम्हें करना है ढूँढो कोई मीरा कोई नामदेव कोई सूरदास कोई तुकाराम 

~पवन राज सिंह

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