चल उठा ज़ाम बहक जरा फिर देख होता है क्या
सिखायेंगे तुझे सुरूर क्या खुमार क्या होश क्या
~पवन राज सिंह
सिखायेंगे तुझे सुरूर क्या खुमार क्या होश क्या
~पवन राज सिंह
दर्द-ए-इश्क़ दिल को दुखाता है बहुत विसाल-ए-यार अब याद आता है बहुत ज़ब्त से काम ले अ' रिंद-ए-खराब अब मयखाने में दौर-ए-ज़ाम आता है बहुत साक़ी...
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